First poem by Shiv Kumar Mishra ...
अले, मेला हीलो हमांगा भी कलता है!
टोपी पहनकर बाला क्यूट लगता है
दूध और बिस्किट खाता है
स्मार्ट है
इसे तो सूजी की खीर और फल भी भाता है
पापा और मम्मी से मेहनत भी करवाता है
जब भी दीखता है, एक मुस्कान दे जाता है.
Second poem by Ravendra Kr Ravi ...
मेरे मन को भा गए अब तुम प्रिय आदित्य,
मन करता है - आज से देखूँ तुमको नित्य!
Thank You Uncle..
Today is my monthly B'Day . I've completed 8 months. What did you say?
Wanna hug me ? But you are far from me . No prob .. e-hug will solve our problem. click here to give me e-hug !!
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